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मंगलवार, 21 जुलाई 2020

बाल गीत पानी दो

बाल गीत
पानी दो
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पानी दो, प्रभु पानी दो 
मौला धरती धानी दो, 
पानी दो... 
तप-तप धरती सूख गई   
बहा पसीना, भूख गई. 
बहुत सयानी है दुनिया 
प्रभु! थोड़ी नादानी दो, 
पानी दो... 
टप-टप-टप बूँदें बरसें 
छप-छपाक-छप मन हरषे 
टर्र-टर्र बोले दादुर 
मेघा-बिजुरी दानी दो, 
पानी दो... 
रोको कारें, आ नीचे 
नहा-नाच हम-तुम भीगे 
ता-ता-थैया खेलेंगे 
सखी एक भूटानी दो,
 पानी दो... 
सड़कों पर बहता पानी 
याद आ रही क्या नानी? 
जहाँ-तहाँ लुक-छिपते क्यों? 
कर थोड़ी मनमानी लो, 
पानी दो... 
छलकी बादल की गागर 
नचे झाड़ ज्यों नटनागर 
हर पत्ती गोपी-ग्वालन 
करें रास रसखानी दो, 
पानी दो... 
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