मुक्तक
तुझको अपना पता लगाना है?
खुद से खुद को अगर मिलाना है
बैठ जा आँख मूँदकर चुपचाप
दूर जाना करीब आना है
*
दाग न दामन पर लगा तो
बोल सियासत ख़ाक करी है
तीन अंगुलिया उठतीं खुद पर
एक किसी पर अगर धरी है
**
१६-५-२०१५
तुझको अपना पता लगाना है?
खुद से खुद को अगर मिलाना है
बैठ जा आँख मूँदकर चुपचाप
दूर जाना करीब आना है
*
दाग न दामन पर लगा तो
बोल सियासत ख़ाक करी है
तीन अंगुलिया उठतीं खुद पर
एक किसी पर अगर धरी है
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१६-५-२०१५
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