एक रचना
यमराज मिराज ने
*
छोड़ दिए अनालास्त्र
यमराज बने मिराज ने
*
कठपुतली सरकार के
बनकर खान प्रधान
बोल बोलते हैं बड़े,
बुद्धू कहे महान
लिए कटोरा भीख का
साड़ी दुनिया घूम-
पाल रहे आतंक का
हर पगलाया श्वान
भारत से कर शत्रुता
कोढ़ पाल ली खाज ने
छोड़ दिए अनालास्त्र
यमराज बने मिराज ने
*
कोई साथ न दे रहा
रोज खा रहे मार
पाक हुआ दीवालिया
फ़ौज भीरु-बटमार
एटम से धमका रहा
पाकर फिर-फिर मात
पाठ पढ़ा भारत रहा
दे हारों का हार
शांति कपोतों से घिरा
किया समर्पण बाज ने
छोड़ दिए अनालास्त्र
यमराज बने मिराज ने
*
सैबरजेटों को किया
था नैटों ने ढेर
बोफ़ोर्सों ने खदेड़ा
करगिल से बिन देर
पाजी गाजी डुबो दी
सागर में रख याद
छेड़ न, छोड़ेंगे नहीं
अब भारत के शेर
गीदड़भभकी दे रहा
छोड़ दिया क्या लाज ने?
छोड़ दिए अनालास्त्र
यमराज बने मिराज ने
*
संवस
२६-२-२०१९
९४२५१८३२४४
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