कुल पेज दृश्य

बुधवार, 20 फ़रवरी 2019

दोहा वैलेंटाइन

दोहा सलिला 
*
मधुशाला है यह जगत, मधुबाला है श्वास 
वैलेंटाइन साधना, जीवन है मधुमास 
*
धूप सुयश मिथलेश का, धूप सिया का रूप
याचक रघुवर दान पा, हर्षित हो हैं भूप

***

कोई टिप्पणी नहीं: