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शुक्रवार, 21 अप्रैल 2017

chhand-bahar

ॐ 
छंद बहर का मूल है: ८ 
*
छंद परिचय:
संरचना: SIS SIS SIS S / SIS SIS SISS 
सूत्र: रररग।
दस वार्णिक पंक्ति जातीय बाला छंद।
सत्रह मात्रिक महासंस्कारी जातीय रामवत छंद।
बहर: फ़ाइलुं फ़ाइलुं फ़ाइलुं फ़े / 
फ़ाइलुं फ़ाइलुं फ़ाइलातुं ।
*
आप हैं जो, वही तो नहीं हैं
दीखते है वही जो नहीं हैं 

*
खोजते हैं खुदी को जहाँ पे
जानते हैं वहाँ तो नहीं हैं
 *
जो न बोला वही बोलते हैं 

बोलते, बोलते जो नहीं हैं
*
माल को तौलते ही रहे जो
आत्म को तौलते वो नहीं  

*
देश शेष क्या? पूछते हैं
देश में शेष क्या जो नहीं हैं
*

आदमी देवता क्या बनेगा?
आदमी आदमी ही नहीं है 
*
जोश में होश को खो न देना 
देश में जोश हो, क्यों नहीं है?
***
SIS SIS SISS

आपका नूर है आसमानी
गायकी आपकी शादमानी  

*
आपका ही रहा बोलबाला
लोच है, सोज़ है रातरानी
 *
आसमां छू रहीं भावनाएँ
भ्रांत हों ही नहीं वासनाएँ
 *
खूब हालात ने आजमाया
आज हालात को आजमाएँ
*
कोशिशों को मिली कामयाबी
कोशिशें ही सदा काम आ
एँ
*
आदमी के नहीं पास आएँ
हैं विषैले न वे काट खाएँ  
***
२१.४.२०१७
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