दोहा:
हवा आग धरती गगन, रोटी वस्त्र किताब
'सलिल' कलम जिसको मिले, वह हो मनुज जनाब
*
रिसते जख्मों की कथा रिश्ते हैं, पर मौन
जुड़ें टूट फिर-फिर जुड़ें, क्यों बतलाये कौन??
*
हवा आग धरती गगन, रोटी वस्त्र किताब
'सलिल' कलम जिसको मिले, वह हो मनुज जनाब
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रिसते जख्मों की कथा रिश्ते हैं, पर मौन
जुड़ें टूट फिर-फिर जुड़ें, क्यों बतलाये कौन??
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