मुक्तिका:
कैसे-कैसे लोग----
डॉ. अ. कीर्तिवर्धन
*
अक्सर उनसे डरते लोग,
महज दिखावा करते लोग|
हम भी यह सब खूब समझते,
चापलूसी क्यूँ करते लोग?
वो हैं चोरों के सरदार,
कहने से क्यूँ डरते लोग?
सफ़ेद भेडिये खुले घूमते,
क्यूँ नहीं उन्हें पकड़ते लोग?
कहते हैं सब बे ईमान ,
क्यूँ नहीं उन्हें बदलते लोग?
अबकी बार चुनाव होगा ,
फिर से उन्हें चुनेंगे लोग|
लूट रहे जो अपने देश को
कहते देश भक्त हैं लोग|
****
कैसे-कैसे लोग----
डॉ. अ. कीर्तिवर्धन
*
अक्सर उनसे डरते लोग,
महज दिखावा करते लोग|
हम भी यह सब खूब समझते,
चापलूसी क्यूँ करते लोग?
वो हैं चोरों के सरदार,
कहने से क्यूँ डरते लोग?
सफ़ेद भेडिये खुले घूमते,
क्यूँ नहीं उन्हें पकड़ते लोग?
कहते हैं सब बे ईमान ,
क्यूँ नहीं उन्हें बदलते लोग?
अबकी बार चुनाव होगा ,
फिर से उन्हें चुनेंगे लोग|
लूट रहे जो अपने देश को
कहते देश भक्त हैं लोग|
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