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शनिवार, 14 जुलाई 2012

मुक्तिका: कैसे-कैसे लोग---- डॉ. अ. कीर्तिवर्धन

मुक्तिका: 

कैसे-कैसे लोग---- 

डॉ. अ. कीर्तिवर्धन
*
अक्सर उनसे डरते लोग, 
महज दिखावा करते लोग| 

हम भी यह सब खूब समझते, 
चापलूसी क्यूँ करते लोग? 

वो हैं चोरों के सरदार, 
कहने से क्यूँ डरते लोग? 

सफ़ेद भेडिये खुले घूमते, 
क्यूँ नहीं उन्हें पकड़ते लोग? 

कहते हैं सब बे ईमान , 
क्यूँ नहीं उन्हें बदलते लोग? 

अबकी बार चुनाव होगा , 
फिर से उन्हें चुनेंगे लोग| 

लूट रहे जो अपने देश को 
कहते देश भक्त हैं लोग|
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