कुल पेज दृश्य

रविवार, 1 सितंबर 2024

एक्जिमा, स्वास्थ्य

स्वास्थ्य सलिला
एक्जिमा : घरेलू उपचार
एक्जिमा के घरेलू उपचार केवल जानकारी के लिए बताए जा रहे हैं। इन्हें उपयोग करना या न करना आपका अपना निर्णय है। परिणाम सामान्यत: अनुकूल होते हैं किंतु प्रस्तुतकर्ता की कोई गारंटी नहीं है। 
  
एक्जिमा में त्वचा पर दानेदार, खुश्क या गीले, लाल-गुलाबी, गोल चकत्ते आते हैं जिनमें दर्द-खुजली जनित पीड़ा होती है। एक्जिमा को मिटाना कठिन किंतु नियंत्रित करना आसान है। इसकी चिकित्सा में लंबा समय लगता है। इसके रोगी जलन, खुजली होने पर निम्न घरेलू उपचारों से राहत पा सकते हैं।

१. एलर्जी प्रतिक्रिया का कारण बनने वाली किसी भी चीज़ से बचें। हल्के साबुन या बॉडी क्लींजर का इस्तेमाल करें। सुपरफैटेड (अतिरिक्त वसा के साथ) और गैर-क्षारीय (कम पीएच स्तर के साथ) साबुन उपयुक्त होगा। सोडियम लॉरिल सल्फेट त्वचा में जलन पैदा कर सकता है, इसका उपयोग न करें।

२. कपड़े धोने के लिए साबुन की टिकिया या चूर्ण नहीं, तरल (लिक्विड) उपयोग करें। कपड़ों को दुबारा सादे पानी से धोकर पहनें।

३. त्वचा पर साफ, नर्म कपड़ा रखने से एक्जिमा वाली खुजली से राहत मिलती है।

३. शुष्क त्वचा से बचने के लिए गुनगुने (गर्म नहीं) पानी से १०-१५ मिनट नहाएँ। बदन को रगड़ें नहीं, थपथपाकर सुखाएँ और एलोवैरा जैल, मॉइस्चराइज़िंग लोशन, क्रीम, तेल या मलहम लगाएँ। लिपिड और सेरामाइड्स से भरपूर क्रीम और मलहम त्वचा की एलर्जी, जलन कम कर बैक्टीरिया से बचाते हैं।एलोवेरा उत्पाद या पौधे से सीधे लिया गया एलोवेरा लगाने से खुजली वाली त्वचा को आराम मिलता है।

४. बारीक पिसा दलिया (कोलाइडल ओटमील) को नहाने के पानी में मिलाएँ या अपनी त्वचा पर पेस्ट के रूप में लगाएँ। बेकिंग सोडा बाथ पेस्ट राहत दे सकता है।

५ . एक्जिमा में त्वचा का पीएच सामान्य से अधिक होताहै। ५.० से कम प्राकृतिक त्वचा पीएच स्तर स्वस्थ माना जाता है। एप्पल साइडर विनेगर एक हल्का अम्ल हैजिसे अपनी त्वचा पर लगाने से प्राकृतिक पीएच स्तर ठीक हो सकता है, जिससे एक्जिमा के लक्षणों से राहत मिलती है। पानी में १-२ कप एप्पल साइडर विनेगर मिलाकार नहायें।

६. दिन में दो बार अपनी त्वचा को पेट्रोलियम जेली, खनिज तेल, मलहम, क्रीम आदि से मॉइस्चराइज़ करें। ऐसे उत्पादों की तलाश करें जिनमें तेल की मात्रा अधिक हो और जो आपकी त्वचा में नमी बनाए रखने में मदद करें। ऐसे उत्पाद चुनें जिनमें ओट या शिया बटर, एलो, हाइलूरोनिक एसिड, विटामिन ई, ह्यूमेक्टेंट्स, नियासिनमाइड और ग्लिसरीन आदि हो। खुशबू या रंगवाले मॉइस्चराइज़र से बचें । वे त्वचा को शुष्क कर सकते हैं। लोशन बहुत जल्दी वाष्पित हो जाते हैं और त्वचा को नुकसान पहुँचाते हैं।

७. दिन में एक या दो बार नम त्वचा पर "वर्जिन" या "कोल्ड-प्रेस्ड" नारियल का तेल लगाएँ। यह त्वचा संक्रमण पैदा करने वाले बैक्टीरिया से लड़ता है।

८. सूरजमुखी के बीजों से एलर्जी न हो तो दिन में दो बार सूरजमुखी का तेल लगायें।यह आपकी त्वचा को नमी बनाए रखने में मदद करता है और सूजन को कम करता है।

९. एक्जिमा में विटामिन डी, मछली का तेल, जिंक, सेलेनियम, प्रीबायोटिक्स और प्रोबायोटिक्स, हल्दी और सीबीडी से लाभ होता देखा गया है। इन्हें चिकित्साल से पूछ कर लें।

१०. सूती, रेशमी, लिनन, बांस या लियोसेल/टेनसेल से बने मुलायम कपड़े, प्राकृतिक रेशे, हल्के रंग और ढीले-ढाले कपड़े त्वचा को पहनें। त्वचा पर सूखने से खुजली होती है, इकपास जैसे पसीने को सोखने वाले रेशे आपको गर्म मौसम में आरामदायक रहते हैं। खुरदरे और टाइट फिटिंग वाले कपड़ों से दूर रहें। नीला रंग जलन पैदा करता है। ऊन, मोहायर और पॉलिएस्टर जैसे सिंथेटिक कपड़ों से बचें। मेरिनो ऊन जिसमें बहुत महीन रेशे होते हैं बेहतर हैं।

११. दाने को कभी न खरोंचें, खुजली अधिक हो तो पट्टी या ड्रेसिंग से ढक लें। खरोंच से त्वचा को होने वाले नुकसान को कम करने के लिए रात में दस्ताने पहनें।

१२. व्यायाम उतना ही करें जिससे पसीना न आए।

१३. अपने शारीरिक और मानसिक तनाव घटाएँ। संतुलित आहार, हल्की गतिविधि और भरपूर नींद आपको स्वस्थ रखकर फ्लेयर्स को रोकेगी। तनाव दूर करने के लिए ऐसे मसाज थेरेपिस्ट की तलाश करें जिसे एक्जिमा या इसी तरह की त्वचा संबंधी समस्याओं का अनुभव हो। सुनिश्चित करें कि वे ऐसे तेल या लोशन का इस्तेमाल करें जो आपकी त्वचा को राहत दे।

१४. जानकार व्यक्ति खास बिंदुओं पर एक्यूप्रेशर देकर आराम पहुँच सकता है।

१५. गंभीर प्रकोप के दौरान शुष्क त्वचा को हाइड्रेट और शांत करने के लिए गर्म पानी से गीले किए गए कपड़े से ढकें। १ कप गर्म पानी में १ बड़ा चम्मच सेब साइडर सिरका आपकी त्वचा के पीएच को सामान्य कर सकता है।प्रतिक्रिया हो तो प्रयोग तुरंत बंद कर दें ।

१६. एक्जिमा का सबसे आसान, सबसे प्रभावी उपचार एलर्जी प्रतिक्रिया का कारण बनने वाली किसी भी चीज़ से बचना है। हाइड्रोकार्टिसोन एक हल्का स्टेरॉयड है जो अस्थायी रूप से खुजली और चकत्ते से राहत दिला सकता है। कैलेमाइन लोशन जीवाणुरोधी और मॉइस्चराइज़र है। यह त्वचा को साफ़ करने और खुजली से राहत दिलाने में मदद कर सकता है। मेन्थॉल युक्त लोशन त्वचा पर ठंडक पहुँचाते हैं और ज्वर के दौरान राहत प्रदान कर सकते हैं। कपूर एक सूजनरोधी घटक है जो खुजली, सूजन और लालिमा को रोक सकता है।

१७. एक्जिमा में एलर्जी की दवा एंटीहिस्टामाइन रक्त में मौजूद हिस्टामाइन नामक पदार्थ को नियंत्रित करखुजली से राहत देती है। एलेग्रा एलर्जी, क्लैरिटिन और ज़िरटेक जैसे बिना प्रिस्क्रिप्शन वाले विकल्पों की तलाश करें। खुजली बहुत अधिक हो तो बेनाड्रिल आराम देती है लेकिन इससे नींद आ सकती है।

१८. ह्यूमिडिफायर का इस्तेमाल करें। सर्दियों में हीटिंग या गर्मियों में एयर कंडीशनिंग की वजह से घर के अंदर की हवा बहुत शुष्क हो जाती है। ह्यूमिडिफायर का इस्तेमाल करने से हवा में नमी वापस आती है, जो एक्जिमा के लक्षणों को कम करने में मदद करती है

१९. सूती कपड़े की आठ परत से छाना गया देशी गाय का मूत्र , हल्दी और गेंदे के पीले या नारंगी फूल की पंखुड़ी की चटनी बनाएँ। छोटे घाव पर एक फूल, बड़े घाव पर आकार के अनुसार दो, तीन या चार फूलों की पंखुड़ियाँ लें। इसकी चटनी जहाँ भी बाहर से घाव हो जिससे खून निकल चुका है और ठीक नही हो रहा हो, के ऊपर दिन में कम से कम दो बार लगाएँ। सुबह लगाकर उसके ऊपर रुई पट्टी बाँध दीजिए। शाम को घाव ताजे गौ मूत्र से धोकर दुबारा लगाएँ। फिर अगले दिन सुबह पट्टी कीजिये।यह औषधि को हमेशा ताजा बनाकर लगाएँ।

२०. होमिओपैथिक उपचार - होमिओपैथी में औषध का चयन लक्षण के आधार पर किया जाता है।
शुष्क, खुरदुरी, कड़ी त्वचा हो, सूजन साथ चिपचिपा और पानी निकलता हो, पैरों में सूजन-जलन- चुभन हो, पलकें लाल-सूजी हों तो ग्रैफाइटिस उपयोगी होगी। मेजेरियम का उपयोग दाने के साथ मोटी पपड़ी बनने से रोकने तथा ज्यादा खुजलों कम करने के लिए होता है। हेपर सल्फर रक्तस्राव तथा घाव से गंध कम करती है। बरसात में जब खुजली बढ़ने पर डल्कामारा उपयोगी होती है। यह पपड़ी के घाव भी भरती है। सल्फर शुष्क त्वचा, पपड़ीदार कम करती है। त्वचा में खुजली और जलन जो खुजलाने से बढ़ती है उसे कम करती है। सूजी-पीली, रूखी-परतदार चमड़ी को आर्सेनिकम एल्बम से राहत मिलती है। कैल्केरिया कार्बोनिका सर्दियों के मौसम में उपयुक्त है।

२१. यूनानी चिकित्सा पद्धति में ओलिया यूरोपिया (जैतून का तेल, ऑलिव ऑइल), लॉसनिया इनरमिस (मेंहदी) और निगेला सैटिवा (काला जीरा) जैसी दवाओं को एक्जिमा में प्रभावी बताया गया है।

२२. एक्यूपॉइंट LI 11 (क्युची, बाँह के बाहरी तरफ कोहनी क्रीज के ठीक ऊपर) पर ४ सप्ताह तक दबाव डालने से एलर्जी से होने वाली एक्जिमा की खुजली कम होती है। एक्यूपंक्चर त्वचा के घावों के आकार, भड़कने की आवृत्ति को कम कर सकता है, और समग्र तनाव के स्तर को कम कर सकता है।
***

कोई टिप्पणी नहीं: