कविता
ऐसा मौका फिर नहीं मिलेगा
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दो पहलवान अखाड़े में लड़ें
दो कवि मंच पर कविता सुनाएँ
दो अभिनेता फिल्म में अभिनय करें
दो महिलाएँ बात-चीत करें
तो भी वे शत्रु नहीं, मित्र होते हैं
इतनी सरल बात
नफरत के सौदागर
हुड़दंगी नहीं समझते।
राष्ट्रपति पद के अपने उम्मीदवार की
कितनी खूबियाँ गिनाईं थीं आपने
भूल गए?
राष्ट्रपति का पद सर्वोच्च होता है
संसद अर्थात लोक सभा और विधान सभा
थल, जल और नभ सेनाओं
समूची न्याय व्यवस्था
अर्थात भारतीय लोकतंत्र का प्रधान है वह।
प्रधानमंत्री भी अपनी सरकार
राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किए जाने के बाद
बना पाते हैं।
सरकार राष्ट्रपति की होती है
जिसके मुख्य कार्यकारी प्रधान मंत्री होते हैं।
नियुक्त किया गया व्यक्ति
नियोक्ता से अधिक बड़ा नहीं होता।
प्रधान मंत्री का आचरण
कभी नहीं दर्शाता कि वे विपक्ष के भी हैँ।
वे दलीय प्रमुख के नाते
अन्य दलों पर
हमेशा कीचड़ उछालते हैं।
भारत के इतिहास में
इतना कमजोर प्रधान मंत्री कभी नहीं हुआ
जिसे विपक्ष का विश्वास प्राप्त न हो।
अभी भी अवसर है
विपक्ष का अनुरोध मानकर बड़प्पन दिखाएँ,
महामहिम राष्ट्रपति जी को आमंत्रितकर
संसद भवन का उद्घाटन कराएँ ।
विपक्ष का दिल जीतने का
ऐसा मौका फिर नहीं मिलेगा।
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