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रविवार, 21 मई 2023

चित्रपटीय गीत



चित्रपटीय गीतों में साहित्यिक हिंदी

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सामान्यत: नई पीढ़ी साहित्यिक पुस्तकों की भाषा समझ में न आने को कारण बताकर हिंगलिश का प्रयोग करती है किन्तु चित्रपटीय गीतों में प्रयुक्त हुई साहित्यिक हिंदी इन्हें कठिन नहीं लगती। इसका कारण गीतकार की अभिव्यक्ति सामर्थ्य है। ऐसे कुछ गीतों के मुखड़े निम्न हैं। आप अपना मनपसंद गीत (गीतकार , संगीतकार, कलाकार तथा चाचित्र के नाम आदि सहित) पूरा प्रस्तुत कीजिए तथा पसंद आने का कारण भी बताइए।

१.आधा है चंद्रमा रात आधी..

२. तुम गगन के चंद्रमा हो..

३. कल्पना के घन बरसते..

४. ये कौन चित्रकार है...

५. ज्योति कलश छलके..

६. कोई जब तुम्हारा हृदय..

७. जा तोंसे नहीं बोलूं कन्हैया..

८. कान्हा बजाये बंसरी…

९. तोरा मन दरपन कहलाये..

१०. केतकी गुलाब जूही चंपक बन फूले..

११. मन तरपत हरि दर्शन को आज..

१२. तोरा मनवा क्यूँ घबराये रे…

१३. आज सजन मोहे अंग लगालो…

१४. तू प्यार का सागर है…

१५. मधुबन में राधिका नाचे रे…

१६. नाचे मन मोरा मगन तिक धा धिगि…

१७. सुर ना सजे क्या गाऊँ मैं…

१८. कुहू कुहू बोले कोयलिया…

१९. मुझे ना बुला…

२०. मैं पिया तेरी तू माने या न माने..

२१. तेरे द्वार खड़ा भगवान…

२२. पूछो न कैसे मैंने रैन बितायी..

२३. कौन आया मेरे मन के द्वारे…

२४. लपक झपक तू आ रे बदरवा..

२५. ज्योत से ज्योत जगाते चलो…

२६. कैसे मनाउं पियवा गुन मेरे एकहु नाहीं…

२७. भय भंजना वंदना सुन हमारी…

२८. ओ निर्दयी प्रीतम…

२९. हे माता सरस्वती शारदा..

३०. आन मिलो श्याम सांवरे..

३१. ना मैं धन चाहूँ…

३२. प्रभु तेरो नाम जो ध्याये…

३३. जैसे सूरज की गर्मी से जलते हुए…

३४. दरसन दो घनश्याम नाथ मोरी…

३५. घूंघट के पट खोल रे तोहे…

३६. ए री मैं तो दर्द दीवानी…

३७. संसार से भागे फिरते हो..

३८. निर्बल से लड़ाई बलवान की…

३९. जागो मोहन प्यारे..

४०. सत्यम् शिवम् सुंदरम्….

४१. एक राधा एक मीरा दोनों ने श्याम को…

४२. झिलमिल सितारों का आंगन होगा..

४३. मनमोहना बड़े झूठे…

४४. मन रे तू काहे न धीर धरे..

४५. कहीं दूर जब दिन ढ़ल जाये..

४६. रजनीगंधा फूल तुम्हारे…

४७. नदिया किनारे हेराई आई कंगना..

४८. तेरी बिंदिया रे..

४९. कैसे आऊं जमुना के तीर…

५०. वृंदावन का कृष्ण कन्हैया..

५१. जरा सामने तो आओ छलिए..

५२. तेरे बिन सूने नैन हमारे…

५३. सुन मेरे बंधु रे…

५४. मेरे साजन हैं उस पार..

५५. पिया तोसे नेहा लागी रे…

५६. लाली लाली डोलिया में लाली रे दुल्हनिया…

५७. चंदन सा बदन चंचल चितवन…

५८. तुम्ही हो माता, पिता तुम्ही हो..

५९. मन क्यूँ बहका रे बहका आधी रात को…

६०. काहे तरसाये जियरा…..

६१. जिया लागे ना मोरा तुम बिन…

६२. बोल रे पपीहर..

६३. जब दीप जले आना..

६४. का करूँ सजनी आये न बालम…

६५. कई बार यूं भी देखा है ये जो मन की सीमा…

६६. कहाँ से आये बदरा…

६७. मन मोर हुआ मतवारा…

६८. मन मोरा बावरा…

६९. झनक झनक तोरी बाजे पायलिया…

७०. सांवरे सांवरे काहे करो मोसे…

७१. हो उमड़ घुमड़ कर आई रे घटा..

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