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गुरुवार, 4 मार्च 2021

मुक्तक:

मुक्तक:
फूल फूला तो तभी जब सलिल ने दी है नमी
न तो माटी ने, न हवाओं ने ही रखी है कमी
सारे गुलशन ने महककर सुबह अगवानी की
सदा मुस्कान मिले, पास नहीं आए गमी.
४-३-२०१८

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