एक दोहा
*
जब चाहा संवाद हो, तब हो गया विवाद
निर्विवाद में भी मिला, हमको छिपा विवाद.
सलिल बर्बाद हुए हम
नहीं आबाद सखे हम
१२-५-२०१५
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जब चाहा संवाद हो, तब हो गया विवाद
निर्विवाद में भी मिला, हमको छिपा विवाद.
सलिल बर्बाद हुए हम
नहीं आबाद सखे हम
१२-५-२०१५
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