पुरातत्व
वाल्मीकि रामायण के अनुसार रावण पुलस्त्य मुनि का पोता, उनके पुत्र विश्वश्रवा का पुत्र था। विश्वश्रवा की वरवर्णिनी और कैकसी नामक दो पत्नियाँ थी। वरवर्णिनी ने कुबेर को जन्म दिया था । कैकसी ने अशुभ समय में गर्भ धारण किया क्योंकि कैकसी राक्षस नाग कुल से थी। नाग कुल की पथा के अनुसार दाह संस्कार नहीं होता था। श्री राम द्वारा रावण वध के बाद अंतिम संस्कार की जिम्मेदारी विभीषण की थी।नागकुल के लोग रावण का शव अपने साथ ले गए। उनका विश्वास था रावण अभी पूरी तरह से नहीं मरा है क्योंकि रावण कहता था की उसके पास अमृत हैं और वह अमर है। इसलिए उनको भरोसा था कि रावण को जिन्दा किया जा सकता हैकिंतुउनके सब प्रयास असफल रहे, हारकर उन्होंने कई प्रकार के रसायनों का प्रयोग कर रावण के शव को ममी के रूप में रख दिया।
कुछ समय पहले ही श्रीलंका पुरातत्व विभाग ने दावा किया है उन को रेगला के घने जंगल में एक विशाल पर्वत में खतरनाक रावण-गुफा मिली है जिसमें रावण ने व्र्षो तपस्या की थी। उस गुफा में कोई नहीं जाता क्योंकि रावण के शव की रक्षा कई खूँखार जानवर और नागकुल के नाग करते हैं। रावण का १८' लंबा और ५ ' चौड़ा ताबूत आज भी रेगला के घने जंगल में रावण की ताबूत सुरक्षित है। यह दावा श्रीलंका सरकार ने किया है । अब तक ये कही भी ये नहीं साबित हुआ कि वो ममी रावण की ही है।
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