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मंगलवार, 23 अप्रैल 2019

बाल काव्य लोरी

बाल काव्य 
लोरी 
*
सो जा रे सो जा, सो जा रे मुनिया 
*
सपनों में आएँगे कान्हा दुआरे 
'चल खेल खेलें' तुझको पुकारें
माखन चटाएँ, मिसरी खिलाएँ
जसुदा बलैयाँ लें तेरी गुड़िया
सो जा रे सो जा, सो जा रे मुनिया
*
साथी बनेंगे तेरे ये तारे
छिप-छिप शरारत करते हैं सारे
कोयल सुनाएगी मीठी सी लोरी
सुंदर मिलेगी सपनों की दुनिया
सो जा रे सो जा, सो जा रे मुनिया
*

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