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सोमवार, 22 अप्रैल 2019

कला त्रयोदशी छंद

छंद सलिला 
२९ मात्रिक महायौगिक जातीय कला त्रयोदशी छंद 
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विधान : 
प्रति पद प्रथम / विषम चरण १६ कला (मात्रा)
प्रति पद  द्वितीय / सम चरण १३ कला 
नामकरण संकेत: कला १६,   त्रयोदशी तिथि १३ 
यति  १६ -  १३ पर, पदांत गुरु । 
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लक्षण छंद: 
कला कलाधर से गहता जो, शंकर प्रिय तिथि साथी।   
सोलह-तेरह पर यति सज्जित, फागुन भंग सुहाती।। 
उदाहरण :
शिव आभूषण शशि रति-पति हँस, कला सोलहों धारता। 
त्रयोदशी पर व्रत कर  चंदा,  बाधा-संकट टारता।।
तारापति रजनीश न भूले, शिव सम देव न अन्य है। 
कालकूट का ताप हर रहा, शिव सेवा कर धन्य है।। 
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