कुल पेज दृश्य

मंगलवार, 23 अप्रैल 2019

मुक्तक

मुक्तक:
संजीव 
.
आसमान कर रहा है इन्तिज़ार 
तुम उड़ो तो हाथ थाम ले बहार 
हौसलों के साथ रख चलो कदम
मंजिलों को जीत लो, मिले निखार
*
२३-४-२०१५

कोई टिप्पणी नहीं: