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बुधवार, 9 मई 2012

गीत: लिखें कहानी... संजीव 'सलिल'

गीत:
लिखें कहानी...
संजीव 'सलिल'
*
सुनी कही कई बार,
आओ! अब लिखें कहानी.
समय कहे भू पर आये
इंसां वरदानी...
*
छिद्रित है ओजोन परत,
कुछ फिक्र कहीं हो.
घातक पराबैंगनी किरणें,
ज़िक्र कहीं हो.
धरती माँ को पहनायें
मिल चूनर धानी...
*
वायु-प्रदूषण से दूभर
सांसें ले पाना.
दूषित पानी पी मुश्किल
जिंदा रह पाना.
शोर कम करो,
मौन वरो कहते हैं ज्ञानी...
*
पुनः करें उपयोग,
समेटें बिखरा कचरा.
सुंदर-स्वच्छ स्वर्ग सी
सुंदर हो वसुंधरा.
गरल पियें अमृत बाँटें,
हो मीठी बानी...
****


Acharya Sanjiv verma 'Salil'

http://divyanarmada.blogspot.com
http://hindihindi.in



4 टिप्‍पणियां:

achal verma ✆ekavita ने कहा…

आचार्य जी ,
आपका हरेक शब्द मानवता के कल्याण के लिए है, पर यहाँ तो दानवता का बोल बाला है, सुने कौन ।।

अचल वर्मा

salil ने कहा…

आप सुन रहे हैं... यही पर्याप्त है... एक दिया भी तम तो हरता ही है...

Mahipal Singh Tomar ✆ ने कहा…

Mahipal Singh Tomar ✆ द्वारा yahoogroups.com ekavita


सामाजिक सरोकारों को समाहित किये आपकी कलम को सलाम ,

महिपाल

salil ने कहा…

आपकी गुणग्राहकता को नमन