हाड़ौती रचना
ऊँड़ाई
रामेश्वर शर्मा 'रामू भैया'
*
*
पाँच हात
दस हात
पचास,
सौ पान सौ।
नापतो ई चाल्ज्या
तू ई
थाक जावैगो,
ऊमर की पीढ्याँ
पाक जावैगो
नै मलैगी
थाह
अथाह छै
ऊंडो
भ्रस्टाचार को मूंडो।
*
दिव्य नर्मदा : हिंदी तथा अन्य भाषाओँ के मध्य साहित्यिक-सांस्कृतिक-सामाजिक संपर्क हेतु रचना सेतु A plateform for literal, social, cultural and spiritual creative works. Bridges gap between HINDI and other languages, literature and other forms of expression.
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