कुल पेज दृश्य

शुक्रवार, 16 अक्तूबर 2020

सरस्वती वंदना सरस्वती कुमारी

सरस्वती वंदना
सरस्वती कुमारी, ईटानगर
*
वर दो वीणावादिनी,अम्ब विमल मति धार।
चरण कमल की धूल दे,कर दो भव से पार।।01
जीवन नैया खे सकूँ,चाहे हो मझधार।
हाथ थमा दो ज्ञान की,माँ !मेरे पतवार।।02
भाव पुष्प अर्पित करूँ,माँ! कर लो स्वीकार।
आन विराजो कंठ में,नस- नस दो झंकार।।03
हृदय लिए विश्वास माँ,आया तेरे द्वार।
ज्ञान चक्षु मम खोलकर,दो बल बुद्धि अपार।।04
शुभदा शुभवरदायिनी!,वाणी दो उपहार।
तीव्र लेखनी धार से,लिख दूँ जग का सार।।05
सुर यति गति लय छंद का,माँ दे दो उपहार।
भाव भरो नित काव्य में,शब्द-शब्द झंकार।।06
श्वेत वसन शोभित नयन,मंद अधर मुस्कान।
पुस्तक वीणा धारिणी,दिव्य गुणों की खान।।07
जग जननी जय अम्बिके,कर मणि मौक्तिक माल।
शुभ्र वर्ण पीताम्बरी,दिव्य सुशोभित भाल।।08
कर जोड़े विनती करूँ,सुन लो!मात पुकार।
निज चरणों में दे शरण,कर दो मम उद्धार।।09
तिमिर नाशिनी ज्योतिके,कर दो तम का नाश।
उर मंदिर में शारदे,भर दो ज्ञान प्रकाश।।10
*

कोई टिप्पणी नहीं: