ॐ
विश्व वाणी हिंदी संस्थान - समन्वय प्रकाशन अभियान जबलपुर
***
ll हिंदी आटा माढ़िए, उर्दू मोयन डाल l 'सलिल' संस्कृत सान दे, पूड़ी बने कमाल ll
ll जन्म ब्याह राखी तिलक, गृह प्रवेश त्यौहार l 'सलिल' बचा पौधे लगा, दें पुस्तक उपहार ll
*
मुक्तक खुद से खुद को अगर मिलाना है
मूँद कर आँख बैठ जाओ भी
दूर जाना करीब आना है
*
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें