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रविवार, 6 मार्च 2011

फागुन के ६ छक्के: संजीव 'सलिल'

फागुन के ६ छक्के:                                                                            

संजीव 'सलिल'
*
फागुन आया है सखी, मचा खूब हुडदंग.
फेंक रहे दिल मनचले, कर दो हुलिया तंग.
कर दो हुलिया तंग, लगा मुँह पर रंग काला.
लगा कीच-गोबर भूलें लव करना लाला..
कहे 'सलिल' नभ बरसे तो आ जाये सावन.
हो जोरी-बरजोरी तो सार्थक हो सावन..
*
नक्सलवादी खून की होली करदें बंद.
बजा प्रेम की बांसुरी, सुनें नेह के छंद..
सुनें नेह के छंद, कुंडली, दोहे, टप्पे.
खाएँ गुझिया-सेव, भुला क्रांति के लटके..
कहे 'सलिल' मत मार घटाओ तुम आबादी.
नस्ल नेह की नित्य बढ़ाओ नक्सलवादी..
*
पिचकारी थामे साखी, हरि दें लगा गुलाल.
होली खेलें मुक्त-मन, दिल से भुला मलाल..
दिल से भुला मलाल, शांति चाहे हर गुनिया.
भ्रान्ति क्रांति की भटकाती, भरमाती दुनिया..
कहे 'सलिल' कविराय, राय सत्य-हितकारी.
बन्दूकों को फेंक उठाओ रंग-पिचकारी..
*
छक्के-चौके लग रहे, छक्के करते नृत्य.
छक के पी खो होश दें, निंदनीय है कृत्य..
निंदनीय है कृत्य, सत्य को भुला न देना.
मिले प्रलोभन, गले असत को लगा न लेना.
'सलिल' मैच ले जीत, रहें सब हक्के-बक्के.
'सचिन' शतक दे लगा, न चूकें चौके-छक्के..
*
मुखिया कैसे मनाएँ, होली हैं लाचार.
सत्ता वरकर हो रहे, कुर्सी से बेज़ार..
कुर्सी से बेज़ार, न लेकिन छोड़ें सत्ता.
सत्य जानते पल में, कट जाएगा पत्ता..
कहे 'सलिल' सुख छिपा, बने ऊपर से दुखिया.
मनमोहन धन मोह न बाँटे, संग हैं सुखिया..
*
राजनीति में हर किसी के मन में है मैल.
निर्मल चादर रह सके कोई न ऐसी गैल..
कोई न ऐसी गैल, चलाते सब पिचकारी.
खुद का खोट न देख, दूसरों को दें गारी..
लट्ठमार बृज-नार, चटायें धूल वीथि में.
काला करदें मुँह, जो गंदे राजनीति में..

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6 टिप्‍पणियां:

Ashvini Kuma Sharma ने कहा…

aap ne koi khshetra chhoda hi nahi ye hota hai master-stroke

Dr.Nutan ने कहा…

फाल्गुन पर अलग अलग .. क्षेत्रो पर होली के छक्के जो आपने लगाये -- बहुत पसंद आये .. उम्दा

Rana Pratap Singh ने कहा…

वाह आचार्य जी वाह
मज़ा आ गया
आज का क्रिकेट मैच भी शामिल कर लिया

गज़ब की कारीगरी है|

सारी कुंडलिया लाजवाब हैं|

Kavi Rajbundeli ने कहा…

वाह,,,,,,,,,क्या बात है ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

सलिल जी ,,,बधाई,,,,,,,

G ने कहा…

आचार्य जी क्या जबरदस्त छक्के लगाये है , अल्टि पलटी दे घुमा के वाले स्टाइल में , जय हो आचार्य जी , जबरदस्त प्रस्तुति ...

Dr Sanjay Dani. ने कहा…

बेहतरीन , ऐसा लगता है इस आयोजन

के आप ही हीरो बनने वाले हैं।