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बुधवार, 10 सितंबर 2025

सितंबर १०, सॉनेट, बिटिया, कौन हैं हम?, सॉनेट गीत, श्रौता-वक्ता

सलिल सृजन सितंबर १०
*
सॉनेट गीत 
श्रौता-वक्ता 
० 
मैं श्रोता हूँ, मैँ श्रौता हूँ
वक्ता गण आते-जाते हैं
क्या जाने क्या कह जाते हैं
कर सुना अनसुना सोता हूँ।
हो जहाँ न कुछ मैं होता हूँ
कुछ गर्दभ स्वर में गाते हैं
भाषण दे तनिक न भाते हैं
कर हूट उन्हें मैं धोता हूँ।
पहले सोचो तब ही बोलो
घोलो मौलिकता की मिसरी
महकाओ जग की बगिया को।
जब भी बोलो पहले तोलो
बिखरे न विचारों की गठरी
चहकाओ मन गौरैया को।
० 
मैं वक्ता हूँ, मैँ वक्ता हूँ
श्रोता गण आते-जाते हैं
क्या छोड़ें, क्या ले जाते हैं
दिन-रात बोल नहिं थकता हूँ।
सब सोते तब भी जगता हूँ
पंडित नेता कहलाते हैं
बन प्राध्यापक भरमाते हैं
खुद को खुद ही मैं ठगता हूँ।
चाहो आँखें मूँदो सो लो 
धीरज की बँध जाए ठठरी
लूटो हो जहाँ रुपैया को।
दुनिया हिल जाए मत डोलो 
चुभलाओ नफरत की मठरी
ठेंगा दिखलाता दुनिया को।
१०.९.२०२५
०००
विश्ववाणी हिंदी संस्थान अभियान जबलपुर
समन्वय प्रकाशन जबलपुर विश्व
कीर्तिमान धारी पुस्तकें

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*
सॉनेट
कर-कलम

कर कलम थामे समय का सच कहें,
ढहें मत, थिर रहे कोशिश की कशिश,
तपिश हर बदलाव की हँसकर सहें,
हो न जब तक पूर्ण मन में पली विश।
कर कलम को लें बना तलवार झट,
नट न पाएँ रास्ते पग मंजिलें,
काफिले पीछे चलें तू बढ़ सतत,
विगत से ले सीख, आगत से मिलें।
कर कलम कर दें कलम बाधा सभी,
अभी को टालें कभी पर आप मत,
मत-विमत सम्मत व्यवस्था हो सभी,
तभी करतल ध्वनि करें सब रख सुमत।
कर कलम करवाल हो, करताल हो।
कर कलम हड़ताल हो, पड़ताल हो।
१०.९.२०२३
•••
बाल रचना
बिटिया छोटी
*
फ़िक्र बड़ी पर बिटिया छोटी
क्यों न खेलती कन्ना-गोटी?
*
ऐनक के काँचों से आँखें
झाँकें लगतीं मोटी-मोटी
*
इतनी ज्यादा गुस्सा क्यों है?
किसने की है हरकत खोटी
*
दो-दो फूल सजे हैं प्यारे
सर पर सोहे सुंदर चोटी
*
हलुआ-पूड़ी इसे खिलाओ
तनिक न भाती इसको रोटी
*
खेल-कूद में मन लगता है
नहीं पढ़ेगी पोथी मोटी
१०-९-२०१७
***
दोहा सलिला-
तन मंजूषा ने तहीं, नाना भाव तरंग
मन-मंजूषा ने कहीं, कविता सहित उमंग
*
आत्म दीप जब जल उठे, जन्म हुआ तब मान
श्वास-स्वास हो अमिय-घट, आस-आस रस-खान
*
सत-शिव-सुंदर भाव भर, रचना करिये नित्य
सत-चित-आनन्द दरश दें, जीवन सरस अनित्य
*
मिले नकार नकार को, स्वीकृत हो स्वीकार।
स्नेह स्नेह को दीजिए, सके प्रहार प्रहार।।
***
एक रचना
कौन हैं हम?
*
कौन हैं हम?
देह नश्वर,
या कि हैं आत्मा चिरन्तन??
*
स्नेह सलिला नर्मदा हैं।
सत्य-रक्षक वर्मदा हैं।
कोई माने या न माने
श्वास सारी धर्मदा हैं।
जान या
मत जान लेकिन
मित्र है साहस-प्रभंजन।
कौन हैं हम?
देह नश्वर,
या कि हैं आत्मा चिरन्तन??
*
सभ्यता के सिंधु हैं हम,
भले लघुतम बिंदु हैं हम।
गरल धारे कण्ठ में पर
शीश अमृत-बिंदु हैं हम।
अमरकंटक-
सतपुड़ा हम,
विंध्य हैं सह हर विखण्डन।
कौन हैं हम?
देह नश्वर,
या कि हैं आत्मा चिरन्तन??
*
ब्रम्हपुत्रा की लहर हैं,
गंग-यमुना की भँवर हैं।
गोमती-सरयू-सरस्वति
अवध-ब्रज की रज-डगर हैं।
बेतवा, शिव-
नाथ, ताप्ती,
हमीं क्षिप्रा, शिव निरंजन।
कौन हैं हम?
देह नश्वर,
या कि हैं आत्मा चिरन्तन??
*
तुंगभद्रा पतित पावन,
कृष्णा-कावेरी सुहावन।
सुनो साबरमती हैं हम,
सोन-कोसी-हिरन भावन।
व्यास-झेलम,
लूनी-सतलज
हमीं हैं गण्डक सुपावन।
कौन हैं हम?
देह नश्वर,
या कि हैं आत्मा चिरन्तन??
*
मेघ बरसे भरी गागर,
करी खाली पहुँच सागर।
शारदा, चितवन किनारे-
नागरी लिखते सुनागर।
हमीं पेनर
चारु चंबल
घाटियाँ हम, शिखर- गिरिवन
कौन हैं हम?
देह नश्वर,
या कि हैं आत्मा चिरन्तन??
१०-९-२०१६
***
गीत
कौन?
*
कौन रचेगा राम-कहानी?
कौन कहेगा कृष्ण-कथाएँ??
खुशियों की खेती अनसिंचित,
सिंचित खरपतवार व्यथाएँ।
*
खेत
कारखाने-कॉलोनी
बनकर, बिना मौत मरते हैं।
असुर हुए इंसान,
न दाना-पानी खा,
दौलत चरते हैं।
वन भेजी जाती सीताएँ,
मन्दिर पुजतीं शूर्पणखाएँ।
कौन रचेगा राम-कहानी?
कौन कहेगा कृष्ण-कथाएँ??
*
गौरैयों की देखभाल कर
मिली बाज को जिम्मेदारी।
अय्यारी का पाठ रटाती,
पैठ मदरसों में बटमारी।
एसिड की शिकार राधाएँ
कंस जाँच आयोग बिठाएँ।
कौन रचेगा राम-कहानी?
कौन कहेगा कृष्ण-कथाएँ??
*
रिद्धि-सिद्धि, हरि करें न शिक़वा,
लछमी पूजती है गणेश सँग।
'ऑनर किलिंग' कर रहे दद्दू
मूँछ ऐंठकर, जमा रहे रंग।
ठगते मोह-मान-मायाएँ
घर-घर कुरुक्षेत्र-गाथाएँ।
कौन रचेगा राम-कहानी?
कौन कहेगा कृष्ण-कथाएँ??
*
हर कर्तव्य तुझे करना है,
हर अधिकार मुझे वरना है।
माँग भरो, हर माँग पूर्ण कर
वरना रपट मुझे करना है।
देह मात्र होतीं वनिताएँ
घर को होटल मात्र बनाएँ।
कौन रचेगा राम-कहानी?
कौन कहेगा कृष्ण-कथाएँ??
*
दोष न देखें दल के अंदर,
और न गुण दिखते दल-बाहर।
तोड़ रहे कानून बना, सांसद,
संसद मंडी-जलसा घर।
बस में हो तो साँसों पर भी
सरकारें अब टैक्स लगाएँ।
कौन रचेगा राम-कहानी?
कौन कहेगा कृष्ण-कथाएँ??
*****
९-८-२०१६
गोरखपुर दंत चिकित्सालय
जबलपुर
*

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