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बुधवार, 1 दिसंबर 2021

भारत को जाने

दोहा  
भारत भू को नमन कर, जीवन होता धन्य। 
भारत को जाने सभी, मैया यही अनन्य।। 
 
सुरपुर  से अखिलेन्द्र आ, लेते हैं अवतार। 
करते जग कल्याण वे, देते ममता प्यार।। 
चौपाई 
जीव अजय संजीव योगिताआरिफ़ हो उम्मीद भोगिता।।
हो जितेंद्र पाएँ आशीष। सदय भगत पर रहिए ईश।। 

आनंदी हो लिशा अर्चनासलिल अंजली अरुण वंदना।।
संजय प्रभु की माया रेखाअजय विजय हँस कृष्णा लेखा।।

राज करे राजेश राम जी। श्री धर दें तो सधे काम जी।।
नेह नर्मदा छाया गहना। सफल साधना कर यश तहना।।

शुद्ध बुद्ध मति रहे विनीता। रीति-नीति हो ज्योति सुनीता।।
हो बसंत में सभी सुरेंद्रमधुकर गुंजित सुनें उपेंद्र।।

प्रमुदित अन्नपूर्णा मीनेशतेजपाल अनवर देवेश।।
है अरविन्द सारिका गुंजन। चातक सम चयनित संयोजन।।    

द्वैत मिटा अद्वैत राह वर। हरि सहाय हो भारत आकर। 
हम सबने है मंज़िल पाई। महिमा गरिमा बहुत बधाई।।  
दोहा  
मिल दिनेश राकेश नित, देते हैं वरदान। 
गूँजे हिंदी भारती। भाषा है रस-खान।। 
  
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