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रविवार, 22 मार्च 2020

चित्र अलंकार : पिरामिड

चित्र अलंकार : पिरामिड
*
है
खरा
सलिल
नहीं खोटा
इसके बिना
बेमानी है लोटा
मिटाता है पिपासा
करे सृष्टि को संप्राण
अकाल से दिलाता त्राण
हाथों को मलता पछताता
अहसान फरामोश कृतघ्न
आदमी में नहीं है समझदारी
खोदता रहा है खुद ही निज कब्र
क्यों और कब तक करे प्रकृति सब्र
कहते हैं ''विनाश काले विपरीत बुद्धि''
*
संजीव
२२.३.२०२०
९४२५१८३२४४

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