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शुक्रवार, 13 मार्च 2020

होरी के जे हुरहुरे

होरी के जे हुरहुरे
संजीव 'सलिल'

होरी के जे हुरहुरे, लिये स्नेह-सौगात 
कौनऊ पढ़ मुसक्या रहे, कौनऊ दिल सहलात 
कौनऊ दिल सहलात, किन्हऊ खों चढ़ि गओ पारा,
जिन खों पारा चढ़े, होय उनखों मूं कारा   
*
मुठिया भरे गुलाल से, लै पिचकारी रंग 
कृष्णकांत जी को मलें, चंद्रा जी कर जंग 
कि बोलो सा रा रा रा.....
*
हरी हुई तबियत चढ़ी, भंग भवानी शीश  
गृहणी ने जी भर रँगा, लगें सुरेश कपीश  
कि बोलो सा रा रा रा.....
*  
हिलसा खा ठंडाई पी, करें घोष जयघोष   
होरी गातीं इला जी, लुटा रंग का कोष 
कि बोलो सा रा रा रा.....
*   
गयी कहानी गोंदिया, कही कहानी डूब 
राजलक्ष्मी ले उड़े, राम कहानी खूब   
कि बोलो सा रा रा रा.....


जयप्रकाश जी झूमकर, रचा रहे हैं स्वाँग 
गृह स्वामिन खिल खिल हँसे, भजियों में दे भाँग 
कि बोलो सा रा रा रा.....

  
जबलपुर भोपाल बिच, रहे कबड्डी खेल 
तू तू तू तू कर रहे, तन्मय हुए सुरेश 
कि बोलो सा रा रा रा.....



मुग्ध मंजरी देखकर, भूले काम बसंत 
मधु हाथों मधु पानकर, पवन बन रहे संत  
कि बोलो सा रा रा रा.....

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कोक भरी पिचकारियों, से मारें हँस धार  
छाया पियें मनीष जी, भीग भई भुन्सार 
कि बोलो सा रा रा रा.....

*  
झूमें सँग अविनाश के, रचना गाकर फाग 
पहन विनीता घूमतीं, फूल-धतूरा पाग  
कि बोलो सा रा रा रा.....
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शोभित की महिमा अजब, मो सें बरनि न जाय 
भांग भवानी हाथ ले, नेहा से बतियांय 
कि बोलो सा रा रा रा.....
*
बिरह-ब्यथा मिथलेस की, बिनसे सही न जाय 
तजी नौकरी घर घुसे, हीरा धुनी रमांय 
कि बोलो सा रा रा रा.....

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पीले-पीले हो रहे, जयप्रकाश पी आज।
श्याम घटा में चाँदनी, जैसे जाए डूब।। 
कि बोलो सा रा रा रा.....
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गूझों का आनंद लें, लुक-छिप धरकर स्वांग। 
पुरुषोत्तम; मीना न दें , अडा रही हैं टाँग। 
कि बोलो सा रा रा रा.....
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लाल गाल अखिलेश के हुए, नींद में मस्त। 
सेव-पपडिया खा हुईं, मुदित विनीता पस्त
कि बोलो सा रा रा रा.....
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