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सोमवार, 28 अक्तूबर 2019

नया दण्डक छंद

कार्यशाला -
नूतन छंद 
२८ वर्णिक दण्डक छंद
विधान - २८ वर्णिक, ६-१४-१८-२३-२८ पर यति।
४३ मात्रिक, १०-११--७-६-९ पर यति।
गणसूत्र - र त न ज म य न स ज ग।
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नाद से आल्हाद, झर कर ही रहेगा, देख लेना, समय खुद, देगा गवाही अक्षरों में भाव, हर भर जी सकेगा, लेख लेना, सृजन खुद, देगा सुनाई शब्द हो नि:शब्द, अनुभव ले सकेगा, सीख देगा, घुटन झट होगी पराई भाव में संचार, रस भर पी सकेगा, लीक होगी, नवल फिर हो वाह वाही
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आचार्य संजीव वर्मा 'सलिल'
९४२५१८३२४४
salil.sanjiv@gmail.com

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