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गुरुवार, 18 फ़रवरी 2016

navgeet

नवगीत:
हो मेरी तुम!
*
श्वास-आस में मुखरित 
निर्मल नेह-नर्मदा 
ओ मेरी तुम!
हो मेरी तुम!
*
प्रवहित-लहरित 
घहरित-हहरित 
बूँद-बूँद में मुखरित 
चंचल-चपल शर्मदा 
ओ मेरी तुम!
हो मेरी तुम!
*
प्रमुदित-मुकुलित 
हर्षित-कुसुमित 
कुंद इंदु सम अर्चित 
अर्पित अचल वर्मदा 
ओ मेरी तुम!
हो मेरी तुम!
*
कर्षित-वर्षित 
चर्चित-तर्पित
शब्द-शब्द में छंदित 
वन्दित विमल धर्मदा 
ओ मेरी तुम!
हो मेरी तुम!
*

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