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मंगलवार, 12 जनवरी 2016

चन्द माहिया :क़िस्त 27



:1:
वो शान से चलते हैं
जैसा हो मौसम
ईमान बदलते हैं

:2:
एक आस अभी बाक़ी
तेरे आने की
इक साँस अभी  बाक़ी

:3:

इक रंग-ए-क़यामत है
इठला कर चलना
कुछ उनकी आदत है

:4:
गर्दिश में रहे जब हम
दूर खड़ी दुनिया
पर साथ खड़े थे ग़म

:5:
कब एक सा रहता है
सुख-दुख का मौसम
मौसम तो बदलता है

-आनन्द.पाठक-
09413395592