:1:
वो शान से चलते हैं
जैसा हो मौसम
ईमान बदलते हैं
:2:
एक आस अभी बाक़ी
तेरे आने की
इक साँस अभी बाक़ी
:3:
इक रंग-ए-क़यामत है
इठला कर चलना
कुछ उनकी आदत है
:4:
गर्दिश में रहे जब हम
दूर खड़ी दुनिया
पर साथ खड़े थे ग़म
:5:
कब एक सा रहता है
सुख-दुख का मौसम
मौसम तो बदलता है
-आनन्द.पाठक-
09413395592
1 टिप्पणी:
jandar maahiye.
एक टिप्पणी भेजें