नवगीत:
राजनीति की रानी
तुझको
कारावास मिला
खरबों लूट
करोड़ों बाँटे
अपने छोड़
गैर को डाँटे
अंगुली एक
उठी औरों पर
देख-दिखाओ
खुद पर केंद्रित
तीन छिपाओ
पाखंडों के
कुछ पंडों को
थोड़ा त्रास मिला
जनगण बेहद
खुश- सच मानो
चमचों व्यर्थ
विरोध न ठानो
करे अदालत
थोड़ी जल्दी
साफ़-सफाई
रिश्वतखोरों
आफत आयी
आम आदमी के
अधरों पर
हास खिला
***
राजनीति की रानी
तुझको
कारावास मिला
खरबों लूट
करोड़ों बाँटे
अपने छोड़
गैर को डाँटे
अंगुली एक
उठी औरों पर
देख-दिखाओ
खुद पर केंद्रित
तीन छिपाओ
पाखंडों के
कुछ पंडों को
थोड़ा त्रास मिला
जनगण बेहद
खुश- सच मानो
चमचों व्यर्थ
विरोध न ठानो
करे अदालत
थोड़ी जल्दी
साफ़-सफाई
रिश्वतखोरों
आफत आयी
आम आदमी के
अधरों पर
हास खिला
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