छंद सलिला:
वाणी छंद
संजीव
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रचना विधान
द्विपदिक, चतुश्चरणी, मात्रिक, ४४ वर्ण, ७१ मात्राएँ
पहला, तीसरा, चौथा चरण
इंद्रा वज्रा, दूसरा चरण उपेन्द्र वज्रा
१, ३, ४ चरण: तगण तगण जगण २ गुरु / २ चरण: जगण तगण जगण २ गुरु
१, ३, ४: २२१-२२१-१२१-२२ २: १२१-२२१-१२१-२२
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उदाहरण:
१. बोलो न बोलो सुन लो विधाता / अनामनामी वरदानदाता
मोड़ो न तोड़ो वर दो प्रदाता / जोड़ें न- छोड़ें वह जो सुहाता
२. लोकोपयोगी परियोजनाएँ / विकासवाही सुविकास लायें
रोकें अँधेरे फिर रौशनी दें / बाधा हटायें पग भी बढ़ायें
३. छोडो न पर्दा प्रिय! लाज क्यों है? / मुझे न रोको अब पास आओ
रोके न टोके हमको जमाना / बाँहें न छोडो दिल में समाओ
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1 टिप्पणी:
Apil Bhardwaj
waaaaaah
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