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गुरुवार, 7 नवंबर 2013

doha salila: sanjiv

प्रयोगात्मक यमकीय दोहे:
संजीव
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फेस न करते फेस को, छिपते फिरते नित्य
बुक न करे बुक फोकटिया, पाठक सलिल अनित्य
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सर! प्राइज़ किसको मिला, अब तो खोलें राज
सरप्राइज़ हो खत्म तो, करें शेष जो काज 
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