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मंगलवार, 9 मार्च 2021

शिव

शिव
"...कालिदास ने मालविकाग्निमित्र में शिव के नृत्य को देवताओं की आंखों को सुहाने वाला यज्ञ कहा है। तण्ड मुनि द्वारा प्रचारित होने से यह ताण्डव कहलाया। तण्डु ने अभिनय निमित्त इसे भरतमुनि को दिया। अभिनवगुप्त की टीका मंे तण्डु ही शिव के गण नन्दी हैं।
शिव का रूद्रावतार संगीत कला का पर्याय है। इसी अवतार में उन्होंने नारद को संगीत का ज्ञान दिया। ‘संगीत मकरंद’ में शिव की कला का ही गान है।..."

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