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शनिवार, 13 मार्च 2021

बाल गीत 'शुभ प्रभात'

बाल गीत 
'शुभ प्रभात'
संजीव 'सलिल' 
*
खिड़की पर बैठी हुई, मीत गुनगुनी धूप. 
'शुभ प्रभात' कह रही है, तुमको हवा अरूप. 
चूँ-चूँ कर चिड़िया कहे: 'जगो, हो गयी भोर. 
आलस छोडो कह रही है मैया झकझोर. 
खड़ी द्वार पर सफलता, उठो, मिलाओ हाथ.
 'सलिल' परिश्रम जो करे, किस्मत उसके साथ.
*
१३-३-२०१० 

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