कुल पेज दृश्य

रविवार, 8 मार्च 2020

क्षणिका महिला

क्षणिका
महिला 
*
खुश हो तो
खुशी से दुनिया दे हिला
नाखुश हो तो
नाखुशी से लोहा दे पिघला
खुश है या नाखुश
विधाता को भी न पता चला
अनबूझ पहेली
अनन्य सखी-सहेली है महिला

८-३-२०२० 

कोई टिप्पणी नहीं: