श्रृंगार गीत:
हरसिंगार मुस्काए
हरसिंगार मुस्काए
संजीव 'सलिल'
*
खिलखिलायीं पल भर तुम
हरसिंगार मुस्काए
*
खिलखिलायीं पल भर तुम
हरसिंगार मुस्काए
.
अँखियों के पारिजात
उठें-गिरें पलक-पात
हरिचंदन देह धवल
मंदारी मन प्रभात
शुक्लांगी नयनों में
शेफाली शरमाए
उठें-गिरें पलक-पात
हरिचंदन देह धवल
मंदारी मन प्रभात
शुक्लांगी नयनों में
शेफाली शरमाए
.
परिजाता मन भाता
अनकहनी कह जाता
महुआ मन महक रहा
टेसू तन झुलसाता
फागुन में सावन की
हो प्रतीति भरमाए
अनकहनी कह जाता
महुआ मन महक रहा
टेसू तन झुलसाता
फागुन में सावन की
हो प्रतीति भरमाए
.
कर-कुदाल-कदम माथ
पनघट खलिहान साथ,
सजनी-सिन्दूर सजा-
चढ़ सिउली सजन-माथ?
हिलमिल चाँदनी-धूप
धूप-छाँव बन गाए
*
हरसिंगार पर्यायवाची: हरिश्रृंगार, पारिजात, शेफाली, श्वेतकेसरी, हरिचन्दन, शुक्लांगी, मंदारी, परिजाता, पविझमल्ली, सिउली, night jasmine, coral jasmine, jasminum nitidum, nycanthes arboritristis, nyclan.
चढ़ सिउली सजन-माथ?
हिलमिल चाँदनी-धूप
धूप-छाँव बन गाए
*
हरसिंगार पर्यायवाची: हरिश्रृंगार, पारिजात, शेफाली, श्वेतकेसरी, हरिचन्दन, शुक्लांगी, मंदारी, परिजाता, पविझमल्ली, सिउली, night jasmine, coral jasmine, jasminum nitidum, nycanthes arboritristis, nyclan.
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