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बुधवार, 12 सितंबर 2012

जीवन: द्विपदी

जीवन: द्विपदी
नहीं खास की उपस्थिति, बिन जीवन हो व्यर्थ।
दे अनुभूति विशिष्ट ही, जीवन को नव-अर्थ।।

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Acharya Sanjiv verma 'Salil'

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