कजगांव (टेढ़वां बाजार) का ऐतिहासिक कजरी मेला

जफराबाद क्षेत्र के कजगांव (टेढ़वां बाजार) की ऐतिहासिक कजरी जो क्षेत्रीय बुजुर्गां के अनुसार लगभग 85 वर्षों से लगती चली आ रही है जिसमें टेढ़वां के लोग राजेपुर गांव में शादी करने का दावा पेश करते हैं और राजेपुर गांव के लोग टेढ़वां में शादी करने का सपना संजोकर बारात लेकर आते हैं। बाजार के अन्त में दोनों गांव के बीच स्थित पोखरे पर राजेपुर की बारात पूर्वी छोर और कजगांव की बारात पश्चिमी छोर पर बाराती, हाथी, घोड़ा, ऊंट तथा दूल्हे के साथ द्वार पूजा के लिये खड़ी हो जाती है। एक-दूसरे पर दोनों तरफ से मनोविनोदी आवाज में जोर-जोर बाराती और कभी-कभी दूल्हा भी चिल्लाने लगता है कि दूल्हन दे दो, हम लेकर जायेंगे। यह क्रम घण्टों चलता है। यदि बीच में पोखरा न हो तो शायद आपस में भिड़ंत भी हो सकती है लेकिन 85 वर्षों में कभी भी ऐसी कोई बात नहीं हुई।
मेले में सुरक्षा की दृष्टि से भारी संख्या में पीएसी व पुलिस के जवानों के अलावा तमाम थानाध्यक्ष भी डटे रहे तथा सिविल डेªस में भी पुलिसकर्मी चक्रमण करते नजर आये। कुल मिलाकर यह मेला पूरी तरह आपसी सौहार्द एवं परम्परागत ढंग से सम्पन्न हो गया और दोनों तरफ के दूल्हे इस वर्ष भी शादी न करने में असफल रहने का मलाल लेकर बगैर दूल्हन अगले वर्ष की आस लिये लौट गये।

आभार : हमारा जौनपुर.
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