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शनिवार, 3 अप्रैल 2021

क्षणिका


क्षणिका
कानून और आदमी
*
क़ानून को
आम आदमी तोड़े
तो बदमाश
निर्बल तोड़े
तो शैतान
असहाय तोड़े
तो गुंडा
समर्थ या नेता
तोड़े तो निर्दोष
और अभिनेता
तोड़े तो
सहानुभूति का पात्र.
***
३-४-२०१३ 

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