संजीव
*
तुम तौ खाओ दूध - मलाई जी भरिकै
हमकों खाय रई महँगाई जी भरिकै
कल कूँ सिगरे सिंथेटिक ही पीओगे
गैया काटें रोज कसाई जी भरिकै
नेता - अफसर लूटि रए हैं जनता कूँ
चोर-चोर मौसेरे भाई, जी भरिकै
होय न सत्यानास जब तलक भारत कौ
हिन्दू-मुस्लिम करौ लड़ाई जी भरिकै
जे छिछोरगर्दी तुमकूँ लै ही डूबी
चौराहे पै भई पिटाई जी भरिकै
वो आरक्षन पायकेँ अफसर बनि बैठे
'अंजुम' तुमनें करी पढ़ाई जी भरिकै
*
जी भरिकै जुमलेबाजी कर
नेता बनि कै लफ्फाजी कर
*
दूध-मलाई गटक; सटक लै
मुट्ठी में मुल्ला-काजी कर
*
जनता कूँ आपस में लड़वा
टी वी पै भाषणबाजी कर
*
अंडा शाकाहारी बतला
मुर्ग-मुसल्लम को भाजी कर
*
सौ चूहे खा हज करने जा
जो शरीफ उसको पाजी कर
*
२-१२-२०२०
तुम तौ खाओ दूध - मलाई जी भरिकै
हमकों खाय रई महँगाई जी भरिकै
कल कूँ सिगरे सिंथेटिक ही पीओगे
गैया काटें रोज कसाई जी भरिकै
नेता - अफसर लूटि रए हैं जनता कूँ
चोर-चोर मौसेरे भाई, जी भरिकै
होय न सत्यानास जब तलक भारत कौ
हिन्दू-मुस्लिम करौ लड़ाई जी भरिकै
जे छिछोरगर्दी तुमकूँ लै ही डूबी
चौराहे पै भई पिटाई जी भरिकै
वो आरक्षन पायकेँ अफसर बनि बैठे
'अंजुम' तुमनें करी पढ़ाई जी भरिकै
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें