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मंगलवार, 1 दिसंबर 2020

मुक्तक

मुक्तक
नमन तुमको कर रहा सोया हुआ ही मैं
राह दिखाता रहा, खोया हुआ ही मैं
आँख बंद की तो हुआ सच से सामना
जाना कि नहीं दूध का धोया हुआ हूं मैं
*
मत जगाओ, जागकर अन्याय करेगा
आदमी से आदमी भी जाग डरेगा
बाँटकर जुमले ठगेगा आदमी खुद को
छीन-झपट, आग लगा आप मरेगा
*
उषा-स्वागत कर रही है चहक गौरैया
सूर्य-वंदन पवन करता नाच ता-थैया
बैठका मुंडेर कागा दे रहा संदेश-
तानकर रजाई मनुज सो रहा भैया
*
१-१२-२०१७ 

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