मुक्तक
हरिच्छटा है मूल में उस पर पीली धूल
बलिदानी है शीर्ष पर रक्त वर्ण अनुकूल
बाँह पसारे शत सुमन करें साधना मौन
जान लुटायें देश पर हँस कर्त्तव्य न भूल
हरिच्छटा है मूल में उस पर पीली धूल
बलिदानी है शीर्ष पर रक्त वर्ण अनुकूल
बाँह पसारे शत सुमन करें साधना मौन
जान लुटायें देश पर हँस कर्त्तव्य न भूल
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें