विश्व पुस्तक मेला दिल्ली : नवगीत पर संवाद
सूचना-
पुस्तक मेले के इतिहास में पहली बार- १७ फरवरी, २०१५ (मंगलवार), समय - सुबह ११ से १२ बजे के बीच पुस्तक मेले के हॉल सख्या - आठ में नवगीत पर एक विशेष परिचर्चा / संवाद '' समाज का प्रतिबिम्ब हैं नवगीत'' का आयोजन किया गया है।
पुस्तक मेले के इतिहास में पहली बार- १७ फरवरी, २०१५ (मंगलवार), समय - सुबह ११ से १२ बजे के बीच पुस्तक मेले के हॉल सख्या - आठ में नवगीत पर एक विशेष परिचर्चा / संवाद '' समाज का प्रतिबिम्ब हैं नवगीत'' का आयोजन किया गया है।
इसमें भाग लेने के लिये प्रमुख रूप से ओमप्रकाश तिवारी, डॉ.जगदीश व्योम, डॉ. धनंजय सिंह, आचार्य संजीव वर्मा 'सलिल' एवं सौरभ पांडेय उपस्थित रहेंगे।
दिल्ली के आसपास रहने वाले तथा पुस्तक मेले के लिये दिल्ली पहुँचे सभी सदस्यों से अनुरोध है कि वे उपरोक्त समय पर पहुँचकर परिचर्चा में भाग लें और इसका लाभ उठाएँ। चर्चा में सहभागिता हेतु १०.१५ तक प्रगति मैदान में पहुच जाएँ ।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें