शर्म हमको मगर नहीं आती
दिव्य नर्मदा : हिंदी तथा अन्य भाषाओँ के मध्य साहित्यिक-सांस्कृतिक-सामाजिक संपर्क हेतु रचना सेतु A plateform for literal, social, cultural and spiritual creative works. Bridges gap between HINDI and other languages, literature and other forms of expression.
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शुक्रवार, 12 जुलाई 2013
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3 टिप्पणियां:
Kusum Vir via yahoogroups.com
हमारी सरकार इस पर चुप क्यों है I
कोई कुछ बोलता क्यों नहीं I
कितना दुखद और असहनीय है यह सब कुछ I
कुसुम वीर
Pranava Bharti via yahoogroups.com
हम सब केवल अफ़सोस ही करते रह जाते हैं ।
प्रणव
Prince Kumawat
हिन्दू हो, कुछ प्रतिकार करो, तुम भारत माँ के क्रंदन का!
यह समय नहीं है, शांति पाठ और गाँधी के अभिनन्दन का!!
यह समय है शस्त्र उठाने का, गद्दारों को समझाने का!
शत्रु पक्ष की धरती पर, फिर शिव तांडव दिखलाने का!!
यह समय है हर एक हिन्दू के, राणा प्रताप बन जाने का!
इस हिन्दुस्थान की धरती पर, फिर भगवा ध्वज फहराने का!!
जब शस्त्रों से परहेज तुम्हे, तोराम-राम क्यों जपते हो!
क्या जंग लगी तलवारों में, जो इतने दुर्दिन सहते हो!!
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