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रविवार, 12 अगस्त 2012

पाती प्रभु के नाम : संजीव 'सलिल'

पाती प्रभु के नाम : 

 

संजीव 'सलिल'

जन्म-जन्म जन्माष्टमी, मना सकूँ हे नाथ.

कृष्ण भक्त को नमन कर, मैं हो सकूँ सनाथ.

वृन्दावन की रेणु पा, हो पाऊँ मैं धन्य.

वेणु बना लो तो नहीं मुझ सा कोई अन्य.

जो जन तेरा नाम ले, उसको करे प्रणाम.

चाकर तेरा है 'सलिल', रसिक शिरोमणि श्याम..

10 टिप्‍पणियां:

- murarkasampatdevii@yahoo.co.in ने कहा…

- murarkasampatdevii@yahoo.co.in

आ. सलील जी,
आपकी रचनाएँ मन को छू जाति है. बहुत सुन्दर.
सादर,
सम्पत

श्रीमती संपत देवी मुरारका
Smt. Sampat Devi Murarka
लेखिका, कवयित्री, पत्रकार
Writer, Poetess, Journalist
Hand Phone +91 94415 11238 / +91 93463 93809
Home +91 (040) 2475 1412 / Fax +91 (040) 4017 5842
http://bahuwachan.blogspot.com

pranavabharti@gmail.com ने कहा…

आ .सलिल जी
आपके उत्कृष्ट ,विद्वत्तापूर्ण दोहों.कविताओं रचनाओं पर मेरी प्रतिक्रिया करने की औकात ही नहीं है|
मै आजकल प्रतिक्रिया लिख भ़ी नहीं पा रही हूँ............हाँ आपको पढ़े बिना रहा नहीं जा सकता|
मन में हरि का वास हो,हर पल उसकी याद,
रहूँ मै हर पल प्रेम में,उससे हो संवाद |

शत शत वंदन आपको बढ़े सदा ही मान,
जीवन-यात्रा शुभ रहे,आप गुणों की खान |

आपके संपूर्ण लेखन हेतु वंदन
सादर
प्रणव भारती

sanjiv verma salil ने कहा…

'सलिल' मात्र दर्पण रहे, जग देखे निज बिम्ब.
जैसी जिसकी भावना, वैसा हो प्रतिबिम्ब..

आप गुणों की खान हैं, दिखीं गुणों की खान.
नित नत-शिर वंदन करूँ, दें आशिष वरदान..

Indira Pratap ने कहा…

आ० संजीव’, सलिल’जी,
दोहों में रचना मुझे हमेशा कविवर बिहारी जी की याद दिलाती है , मेरे प्रिय कवि भी हैं | आपके दोहे मुझे उसी भावलोक में ले जाते हैं | सुन्दर दोहों के लिए साधुवाद | मैं भी दो दोहे लिखने की हिम्मत जुटा पाई हूँ | कमियों के लिए क्षमा करिएगा ,यद्यपि प्रयास बचकाना ही है |
जन्म सफल होता तभी, जब रटता प्रभु नाम |
नाम रटत ही दिन कटें, हमको दो वरदान |

कृष्ण कृष्ण की रटन हो , या मन में श्री राम |
मन तो मेरा बावरा , रटे सदा हरि राम |

Regards,

Indira

- shishirsarabhai@yahoo.com ने कहा…

- shishirsarabhai@yahoo.com

आदरणीय संजीव जी,

प्रभु के नाम आपकी पाती बहुत अच्छी लगी .

जन्म-जन्म जन्माष्टमी, मना सकूँ हे नाथ.
कृष्ण भक्त को नमन कर, मैं हो सकूँ सनाथ.

बहुत शांति सी दे गई यह पाती ....

साधुवाद,
सादर,
शिशिर

sn Sharma ✆ द्वारा yahoogroups.com ने कहा…

sn Sharma ✆ द्वारा yahoogroups.com
kavyadhara


भक्ति रस में डूबे तीनों दोहों को नमन !
कमल

deepti gupta ✆ ने कहा…

deepti gupta ✆ द्वारा yahoogroups.com
kavyadhara


बधाई !

- sosimadhu@gmail.com ने कहा…

- sosimadhu@gmail.com

भक्ति से सरोबोर भक्त की अनुपम वंदना को मेरा शत बार नत मस्तक

my 13 year old grand son varun said on krishna;

"why doesn't he try something new."
madhu

Santosh Bhauwala✆ ने कहा…

Santosh Bhauwala✆ yahoogroups.com
kavyadhara


आदरणीय सलिल जी,

भक्ति में लिपटे दोहे बहुत मनभावन लगे!! साधुवाद
संतोष भाऊवाला

deepti gupta ✆ ने कहा…

drdeepti25@yahoo.co.in द्वारा yahoogroups.com kavyadhara


बहुत अच्छी लगी !