कुल पेज दृश्य

शनिवार, 9 अक्तूबर 2010

हिंदी शब्द सलिला : २ ------ संजीव 'सलिल'

हिंदी शब्द सलिला : २

संजीव 'सलिल'

*
हिंदी शब्द-सलिला में संकलित शब्दों में संशोधन, परिवर्तन, परिवर्धन हेतु सुझाव तथा सहयोग सादर आमंत्रित है.
(संकेत : अ.-अव्यय, अर. अरबी, अक्रि.-अकर्मक क्रिया, अप्र.-अप्रचलित, अर्थ.-अर्थशास्त्र, अलं.- अलंकार, अल्प-अल्प (लघुरूप) सूचक, आ.-आधुनिक, आयु.-आयुर्वेद, इ.-इत्यादि, इब.-इबरानी, उ. -उर्दू, उदा.-उदाहरण, उप.-उपसर्ग, उपनि.-उपनिषद, अं.-अंगिका, अंक.-अंकगणित, अंग.- अंग्रेजी, का.-कानून, काम.-कामशास्त्र, क्व.-क्वचित, ग.-गणित, गी.-गीता, गीता.-गीतावली, तुलसी-कृत, ग्रा.-ग्राम्य, ग्री.-ग्रीक., चि.-चित्रकला, छ.-छतीसगढ़ी, छं.-छंद, ज.-जर्मन, जै.-जैन साहित्य, ज्या.-ज्यामिति, ज्यो.-ज्योतिष, तं.-तंत्रशास्त्र, ति.-तिब्बती, तिर.-तिरस्कारसूचक, दे.-देशज, देव.-देवनागरी, ना.-नाटक, न्या.-न्याय, पा.-पाली, पारा.- पाराशर संहिता, पु.-पुराण, पुल.-पुल्लिंग, पुर्त. पुर्तगाली, पुरा.-पुरातत्व, प्र.-प्रत्यय, प्रा.-प्राचीन, प्राक.-प्राकृत, फा.-फ़ारसी, फ्रे.-फ्रेंच, ब.-बघेली, बर.-बर्मी, बहु.-बहुवचन, बि.-बिहारी, बुं.-बुन्देलखंडी, बृ.-बृहत्संहिता, बृज.-बृजभाषा  बो.-बोलचाल, बौ.-बौद्ध, बं.-बांग्ला/बंगाली, भाग.-भागवत/श्रीमद्भागवत, भूक्रि.-भूतकालिक क्रिया, मनु.-मनुस्मृति, महा.-महाभारत, मी.-मीमांसा, मु.-मुसलमान/नी, मुहा. -मुहावरा,  यू.-यूनानी, यूरो.-यूरोपीय, योग.योगशास्त्र, रा.-रामचन्द्रिका, केशवदस-कृत, रामा.- रामचरितमानस-तुलसीकृत, रा.-पृथ्वीराज रासो, ला.-लाक्षणिक, लै.-लैटिन, लो.-लोकमान्य/लोक में प्रचलित, वा.-वाक्य, वि.-विशेषण, विद.-विदुरनीति, विद्या.-विद्यापति, विरु.-विरुद्धार्थी, वे.-वेदान्त, वै.-वैदिक, व्यं.-व्यंग्य, व्या.-व्याकरण, शुक्र.-शुक्रनीति, सं.-संस्कृत, सक्रि.-सकर्मक क्रिया, समा. -समानार्थी, सर्व.-सर्वनाम, सा.-साहित्य/साहित्यिक, सां.-सांस्कृतिक, सू.-सूफीमत, स्त्री.-स्त्रीलिंग, स्मृ.-स्मृतिग्रन्थ, ह.-हरिवंश पुराण, हिं.-हिंदी.)     

अ से आरम्भ होनेवाले शब्द: २ 

अकथ - वि., दे., अकथ्य.
अकथनीय - वि., सं., जिसे कहा न जा सके, अकथ्य.
अकथित - वि., सं., जो न कहा गया हो, अनुक्त, गौड़ (कर्म.-व्या.) .
अकथ्य - वि., सं., जो कहा न जा सके, कथन के अयोग्य, अकथनीय, कहने की शक्ति/मर्यादा के बाहर.
अकद - पु., दे.,
अकधक् - पु., आगा-पीछा, भला-बुरा, आशंका.
अकनना - सक्रि., कान लगाना, आहत लेना, सुनना.
अकना - अक्रि.,घबड़ाना.
अकनिष्ठ - वि., सं., जो सबसे छोटा न हो, जिससे छोटा अन्य हो, पु. बुद्ध, बौद्ध देव, वर्ग विशेष.
अकन्या - स्त्री., सं., कौमार्य खो चुकी कन्या.
अकबक - पु., अंड-बंड बातें, ऊटपटाँग बातें, प्रलाप, सुध-बुध खोकर बडबड़ाना, चिंता, खटका. वि. चकित, निस्तब्ध.
अकबकाना - अक्रि., भौंचक्का होना, घबराना.
अकबर - वि., अ., बहुत बड़ा, महत्तर. भारत के मुग़ल राजवंश का तीसरा बादशाह १५४२-१६०५ई.. 
अकबरी - अकबर द्वारा चलाया गया, अकबर संबंधी, बेमेल (विवाह). स्त्री. एक मिठाई, लकड़ी पर की जानेवाली एक तरह की नक्काशी, -गज, पु., दे. गज इलाही.
अकबाल - पु., दे., इकबाल.
अकर - वि., सं., बिना हाथ का, लूला, कर रहित, कर से मुक्त, बिना महसूल का, दुष्कर, निष्क्रिय, जो काम न कर रहा हो.
अकरकरा - पु., आयुर्वेदिक वनस्पति, जड़ी-बूटी, दवा के काम आनेवाला एक पौधा, आकरकरहा.
अकरखना - सक्रि., आकृष्ट करना, खींचना-तानना.
अकरण - वि. सं., इन्द्रिय-रहित, विदेह, परमात्मा, अकृत्रिम, स्वाभाविक. अकारण, कारणहीन, जिसका करना अनुचित या कठिन हो. पु. कुछ न करना, कर्म का अभाव.
अकरणि - स्त्री., सं., असफलता, विफलता, नैराश्य.
अकरणीय - वि., सं., न करने योग्य. 
अकरन - वि., अकारण, अकरणीय.
अकरनीय - वि., दे., अकरणीय. 
अकरब - पु., अ., बिच्छू, वृश्चिक राशि, घोडा जिसके मुँह पर श्वेत रोमराशि के मध्य दूसरे रंग के रोयें हों.
अकरा - स्त्री., सं., आमलकी. वि., बहुमूल्य, खरा, चोखा.
अकराथ - वि., व्यर्थ, निष्प्रयोजन, अकारण, बिना कारण के, अहैतुक.                            
अकराम - पु., अ., अनुग्रह, बख्शीश, ()करम' का बहु., इनाम-अकराम).
अकराल - वि., सं., जो भयंकर न हो, सुन्दर, सौम्य. विरु. कराल, भयानक.
अकरास - पु., सुस्ती, आलस्य, अँगडाई.
अकरासू - वि., स्त्री., गर्भवती, जिसे हमल हो.

**************************************

                                                                                ....... निरंतर 
संस्कारधानी जबलपुर ९.१०.२०१०

4 टिप्‍पणियां:

www.navincchaturvedi.blogspot.com ने कहा…

सलिल जी इस महा यज्ञ को शुरू करने के लिए बारम्बार साधुवाद के पात्र हैं आप| जो भी सहयोग हम जैसे मित्रों से सम्भव हो, साधिकार अवश्य कहिएगा|

बाल भवन जबलपुर ने कहा…

वाह सलिल जी वाह एक सफ़ल सूत्र दे दिया वाह

बेनामी ने कहा…

waah!! kya Idea Hai Sir Jee.
बहुत ही अच्छा संकलन होगा और वह भी आन लाइन. हिंदी की शिक्षा से अछूते हमारे जैसों के लिए तो यह एक वरदान होगा.

Shesh Dhar Tiwari ने कहा…

waah!! kya Idea Hai Sir Jee.
बहुत ही अच्छा संकलन होगा और वह भी आन लाइन. हिंदी की शिक्षा से अछूते हमारे जैसों के लिए तो यह एक वरदान होगा.