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बुधवार, 10 मार्च 2021

गीत

गीत:
*
ओ! मेरे प्यारे अरमानों, 
आओ, तुम पर जान लुटाऊँ. 
ओ! मेरे सपनों अनजानों- 
तुमको मैं साकार बनाऊँ... 
*
मैं हूँ पंख उड़ान तुम्हीं हो, 
मैं हूँ खेत, मचान तुम्हीं हो. 
मैं हूँ स्वर, सरगम हो तुम ही- 
मैं अक्षर हूँ गान तुम्हीं हो. 
ओ! मेरी निश्छल मुस्कानों 
आओ, लब पर तुम्हें सजाऊँ... 
*
मैं हूँ मधु, मधु गान तुम्हीं हो. 
मैं हूँ शर संधान तुम्हीं हो. 
जनम-जनम का अपना नाता- 
मैं हूँ रस रसखान तुम्हीं हो. 
ओ! मेरे निर्धन धनवानों 
आओ! श्रम का पाठ पढाऊँ... 
*मैं हूँ तुच्छ, महान तुम्हीं हो. 
मैं हूँ धरा, वितान तुम्हीं हो. 
मैं हूँ षडरसमधुमय व्यंजन. 
'सलिल' मान का पान तुम्हीं हो. 
ओ! मेरी रचना संतानों 
आओ, दस दिश तुम्हें गुंजाऊँ...
***
१०-३-२०१० 

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