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सोमवार, 8 मार्च 2021

अमृत महोत्सव ४

अमृत महोत्सव ४
आजादी का अमृत महोत्सव
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आजादी का अमृत महोत्सव मिलकर आज मनाना है।
बहा पसीना भारत की माटी पर स्वर्ग बसाना है।। 
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साबरमती पुकार रही है दांडी यात्रा मत भूलो। 
एक साथ मिल, कदम बढ़ाओ अपनी मंज़िल को छू लो।.
चंद्र और मंगल को छू, नभ पर परचम लहराना है। 
आजादी का अमृत महोत्सव मिलकर आज मनाना है।।
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बापू का सपना पूरा हो, बने आत्म निर्भर हर गाँव। 
श्रम-कौशल से रोजगार पा, युवा जमाएँ अपने पाँव।।
नर-नारी सम मान पा सकें, शिक्षा श्रेष्ठ दिलाना है। 
आजादी का अमृत महोत्सव मिलकर आज मनाना है।।
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अभियंता-वैज्ञानिक मिलकर करें देश का नव निर्माण। 
योग-चिकित्सा स्वास्थ्य सुधारे, पर्यावरण करे संप्राण।।
देशभक्ति का भाव हमें, जनगण-मन में विकसाना है। 
आजादी का अमृत महोत्सव मिलकर आज मनाना है।।
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बलशाली हो सेना इतनी, दुश्मन डर से काँप उठे। 
कभी कृष्ण की मुरली गूँजे, कभी राम का चाप उठे।।
शिव बन विष पी, अमृत बाँटे, वह पीढ़ी उपजाना है। 
आजादी का अमृत महोत्सव मिलकर आज मनाना है।।
सारी दुनिया है कुटुंब, सब सबका ध्यान रखें मिलकर। 
हर मानव की उन्नति हो, हर सुख पाएँ सब मिल-जुलकर।।
जगद्गुरु बन सबसे सबका हित हमको करवाना है। 
आजादी का अमृत महोत्सव मिलकर आज मनाना है।।
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