मुक्तक
चाँद तनहा है ईद हो कैसे?
चाँदनी उसकी मीत हो कैसे??
मेघ छाये घने दहेजों के,
रेप पर उसकी जीत हो कैसे??
*
salil.sanjiv@gmail.com
#divyanarmada
#दिव्यनर्मदा
चाँद तनहा है ईद हो कैसे?
चाँदनी उसकी मीत हो कैसे??
मेघ छाये घने दहेजों के,
रेप पर उसकी जीत हो कैसे??
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salil.sanjiv@gmail.com
#divyanarmada
#दिव्यनर्मदा
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