ॐ
छंद सलिला:
मदनाग छंद
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छंद-लक्षण: जाति अवतारी, प्रति पद - मात्रा २५ मात्रा, यति १७ - ८
छंद-लक्षण: जाति अवतारी, प्रति पद - मात्रा २५ मात्रा, यति १७ - ८
लक्षण छंद:
कलाएँ सत्रह-आठ दिखाये, नटवर अपनी
उगल विष नाग कालिया कोसे, किस्मत अपनी
छंद मदनाग निराशाएं कर दूर, मगन हो
मुदित मन मथुरावासी हर्षित, मोद मगन हों
उगल विष नाग कालिया कोसे, किस्मत अपनी
छंद मदनाग निराशाएं कर दूर, मगन हो
मुदित मन मथुरावासी हर्षित, मोद मगन हों
उदाहरण:
१. देश की जयकार करते रहें, विहँस हम सभी
आत्म का उद्धार करते रहें, विहँस हम सभी
बुरे का प्रतिकार करते रहें, विहँस हम सभी
भले का सहकार करते रहें, विहँस हम सभी
आत्म का उद्धार करते रहें, विहँस हम सभी
बुरे का प्रतिकार करते रहें, विहँस हम सभी
भले का सहकार करते रहें, विहँस हम सभी
२. काम कुछ अच्छा करना होगा, संकल्प करें
नाम कुछ अच्छा वरना होगा, सुविकल्प करें
दाम हर चीज का होता नहीं, ये सच कह दें
जान निज देश पर निसार 'सलिल' हर कल्प करें
नाम कुछ अच्छा वरना होगा, सुविकल्प करें
दाम हर चीज का होता नहीं, ये सच कह दें
जान निज देश पर निसार 'सलिल' हर कल्प करें
३.जीत वही पाता जो फिसलकर, उठ भी सकता
मंज़िल मिले उसे जो सम्हलकर, शुभ कर सकता
होता घना अँधेरा धरा पर, जब-जब बेहद
एक नन्हा दीप खुद जलकर सब, तम हर सकता
मंज़िल मिले उसे जो सम्हलकर, शुभ कर सकता
होता घना अँधेरा धरा पर, जब-जब बेहद
एक नन्हा दीप खुद जलकर सब, तम हर सकता
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